शुक्रवार, 30 जुलाई 2021
सोमवार, 26 जुलाई 2021
शनिवार, 24 जुलाई 2021
तीसरी लहर की संभावना, भीड़ में न जाएं | Possibility of third wave, Don't ...अगले 100 दिन बहुत भारी हैं. यदि आप चाहते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर, वह चाहे जितनी भारी हो, चाहे जितनी घातक हो, आपका, आपके परिवार या आपके अपनों का घात न कर सके तो आप आज से ही दृढ़ संकल्प के साथ वीडियो में बताई गई चीजों का नियमबद्ध पालन करें,
शुक्रवार, 23 जुलाई 2021
किडनियों को कैसे रखें स्वस्थ | Keep kidneys healthy|Kitchen Therapy| Boo...किडनियां खराब होने के बाद डॉक्टर्स कहते हैं कि अब आपको पानी इतना ही पीना है, लेकिन किडनियां खराब होने से पहले कितना पानी पिएं कि किडनियां खराब न हो। बच्चे कितना पानी पिएं..? बड़े कितना पानी पिएं..? उम्र और वजन के हिसाब से कौन कितना पानी पिए कि किडनियां खराब न हो..? क्या खाएं-पिएं कि किडनियां खराब न हो..? यदि खराब हो गई है तो बिना डायलिसिस के उन्हें कैसे ठीक किया जा सकता है..? किडनी स्टोन या गॉलब्लेडर स्टोन के लिए क्या करें..?* *सभी सवालों के जवाब इस एक वीडियो में देखिए-
About Dr. Madan Modi, Udaipur Rajasthan
डॉ. मदन मोदी
Mo.
09414736860
:Mission Statement:
परिचयात्मक-विवरण
नामः डॉ. मदन मोदी
पिता का नामः श्री शोभालाल जी मोदी
जन्म तिथिः 28 अप्रैल, 1953
पताः 426, हिरणमगरी, सेक्टर-4 उदयपुर-313002 (राज.)
फोन: (मो.) 09414736860, 09408486213
e-mail: dr.madanmodi@rediffmail.com
dr.madanmodi@gmail.com
शिक्षाः P.G. with Gold Medal
in Hindi & Philosophy
P.G. Diploma: Clinical Psychology & Psycho-Therapy
विशेष अध्ययनः Ph. D.(A Specialised Study on Intuition &
Telepathy)
छात्र जीवन की उपलब्धि: राष्ट्रपति स्काउट
लेखन व पत्रकारिता का कार्यानुभाव:
·
नाटक, धर्म एवं दर्शन
विषयक पुस्तकें प्रकाशित। महत्वपूर्ण जैन साहित्य का संपादन.
·
जेण्डर, बाल-अधिकारों, बाल-श्रम, आदिवासियों के मुद्दों, राजस्थान में खनन एवं खान
मजदूरों के हालात पर अध्ययन एवं महत्त्वपूर्ण दस्तावेज प्रकाशित।
·
‘दिल्ली प्रेस’ की पत्र-पत्रिकाओं
सरिता,
मुक्ता, भू भारती में लेख, खोजपूर्ण रिपोर्ट्स एवं
रचनाएं प्रकाशित।
·
जुलाई, 1977 से अगस्त, 1982 तक सामाजिक नव निर्माण की मासिक पत्रिका ‘बंधन तोडो’ का सम्पादन।
·
1 सितम्बर, 1982 से 1 अगस्त, 1985 तक सांध्य दैनिक ‘मनु टाइम्स’ का सम्पादन।
·
अगस्त, 1985 से अक्टूबर, 1988 तक ‘मनु टाइम्स’ खोजपूर्ण पाक्षिक का
सम्पादन व प्रकाशन। (सामाजिक सुधार के प्रयासों, संस्कृति की रक्षा और कतिपय
साधुओं द्वारा धर्म की आड में किए जा रहे दुराचारों के खिलाफ समाज में जागरूकता
लाने के प्रयासों के कारण 25 अप्रैल, 1987 को रात्रि 12.40 पर अपराधी तत्त्वों द्वारा कातिलाना हमला किया गया, जिसमें बाँया कान पूरी तरह
कट गया।)
·
इसके बाद ‘बिजनेस इंडिया’ समूह के साप्ताहिक ‘इंडिया वीक’ के लिए एक वर्ष तक कार्य
किया।
·
जनवरी, 1989 से दिसम्बर, 1995 तक स्वतंत्र पत्रकार के रूप में ‘जनसत्ता’ (इंडियन एक्सप्रेस पत्र
समूह) में स्ट्रिंगर एवं ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, दैनिक हिन्दुस्तान व अन्य पत्र-पत्रिकाओं में फीचर लेखन।
·
20 सितम्बर, 93 को सर्वोदय की ओर से ग्रामीण पत्रकारिता पुरस्कार।
·
1995 से 2000 तक ‘क्राइZ’, नई दिल्ली की ओर से मीडिया
फेलोशिप।
·
इस समय स्वतंत्र पत्रकार एवं ‘सासुमासु’ के बुलेटिन ‘संवाद’ का संपादन। जैन
पत्र-पत्रिकाओं के लिए शोधपरक सामग्री का लेखन एवं संपादन । आचार्य श्री
विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा द्वारा गुजराती में दिए गए प्रवचनों के आधार पर
हिन्दी में उनके साहित्य की रचना एवं संपादन. सन्मार्ग प्रकाशन, अहमदाबाद में
हिन्दी लेखन एवं संपादन.
सामाजिक क्षेत्र में किए गए कतिपय प्रयास:
1. हमारे ही ज्ञापन पर केन्द्र सरकार द्वारा दहेज कानून में संशोधन हेतु प्रस्ताव तैयार करने को गठित संयुक्त संसदीय समिति उदयपुर आई और उसके समक्ष 2 जून, 1982 को निजी स्तर पर प्रभावी प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और उस प्रतिवेदन की सारी बातें स्वीकार की गई, जो आज कानून के रूप में सामने है।
2. मई, 1982 में हिरणमगरी क्षेत्र में करोडों रूपए मूल्य की सार्वजनिक हित की भूमि पर कुछ राजनीतिज्ञों और अधिकारियों ने षडयंत्रपूर्वक अवैध कब्जा कर निर्माण शुरू कर दिया, उसके विरूद्ध लोगों को संगठित कर संघर्ष किया। तत्कालीन उप खण्ड अधिकारी ने ऐतिहासिक निर्णय देकर उस भूमि को मुक्त कराया। मामला उच्च न्यायालय तक गया। अब इसमें एक महाविद्यालय व हायर सैकण्डरी स्कूल बन गया है।
3. जुलाई, 1986 में किसानों को संगठित कर पर्यावरण और सिंचाई के महत्व की अच्छी उपजाऊ 200 बीघा कृषि भूमि को राजस्थान आवासन मंडल द्वारा अवाप्ति से बचाया। इस भूमि में करीब दस हजार पेड खडे हैं, जिनमें से करीब दो हजार पेड तो चंदन के हैं। बीस अच्छे कुएं हैं और वर्ष में कम से कम तीन फसलें होती हैं। इसके लिए जिला कलक्टर से लेकर प्रधानमंत्री तक को ज्ञापन दिये। राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में स्वयं ने एक लोकहित याचिका दायर की व स्थगन आदेश प्राप्त किया।
4. बिछडी में रासायनिक कारखानों द्वारा प्रदूषण के विरूद्ध संघर्ष में सक्रिय भूमिका। उच्चतम न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप कर प्रदूषण रोकने संबंधी निर्देश जारी किए एवं कारखाना मालिक से हर्जाना वसूली के आदेश दिए।
5. आदिवासियों की हित-रक्षा के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रयासों में सक्रिय सहयोग और संस्थाओं व आदिवासियों में क्षमता-संवर्द्धन हेतु प्रशिक्षण एवं संदर्भ-सेवा। जंगल-जमीन जन आंदोलन की शुरूआत की।
6. जनवरी, 95 से दिसम्बर, 2000 तक बच्चों के अधिकारों और बाल श्रमिकों के लिए कार्य हेतु “क्राई” (Child Relief And you) फैलोशिप।
7.
सामाजिक सुधार एवं
मानवाधिकार सुरक्षा समिति (सासुमासु) का 1994 में गठन एवं संचालन। इसके माध्यम से विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर एडवोकेसी।
स्वैच्छिक संगठनों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ-साथ विभिन्न सरकारी विभागों के
अधिकारियों का प्रशिक्षण एवं विवेकीकरण (सेंसेटाइजेशन) का प्रयास।
8.
ऑक्सफेम इंडिया के
सहयोग से राजस्थान में खनन एवं खान मजदूरों के हालात, इसके पारिस्थितिकी, पर्यावरणीय एवं आर्थिक प्रभाव पर विशेष अध्ययन एवं एडवोकेसी।
9.
आदिवासी समाज में सुधार, एकता, विकास और उनके गौरवशाली अतीत की पुर्नप्रतिष्ठा के लिए बिना किसी संस्थागत
परियोजना के और बिना किसी भी प्रकार के आर्थिक अनुदान के निजी स्तर पर 1 मार्च, 2001 से ‘आदिवासी एकी आंदोलन’ शुरू किया। अकाल हो या आदिवासी समाज की अन्य समस्याएं, इनके समाधान के लिए हमेशा उपवास और अहिंसक सत्याग्रह (जिसमें किसी प्रकार
के नारे भी नहीं लगाए गए) का सहारा लेकर लाखों आदिवासियों को राहत दिलाई। एक ओर
जहां देश के विभिन्न हिस्सों में न्याय के अभाव में
नक्सली आंदोलनों और हिंसा का बोलबाला है, वहां इस आंदोलन ने "अहिंसा" की प्रतिष्ठा की है।
10. 9 अगस्त, 2001 से 2 अक्टूबर, 2001 तक 'आदिवासी एकी आंदोलन’ की 55 दिवसीय 937 किलोमीटर की ऐतिहासिक पदयात्रा के दौरान 9 तहसीलों के 7,221 परिवारों ने शराब, मांस और बीडी छोड दी। इसके बाद के साढे तीन सालों में 7,568 परिवारों ने और शराब, मांस व बीडी छोडी है। इन परिवारों ने ‘वैर’ में हिस्सा लेने का भी त्याग किया है। इस प्रकार अब तक कुल 14,789 परिवार (लगभग एक लाख आबादी) शराब, मांस, बीडी और सामाजिक हिंसा को बढावा देने वाले वैर का परित्याग कर चुके हैं। 'अनोप मंडल' जैसी जैन साधुओं और जैन धर्म के खिलाफ विष-वमन करने एवं हिंसा व लूटपाट को बढ़ावा देने वाली विचारधारा इधर समाप्त हुई. ‘ऑक्सफेम’ ने आदिवासियों के लिए किए गए संघर्ष से प्रभावित हो कर “Crusader” ‘धर्मयोद्धा’ विशेषण से सम्मानित किया।
11.
दस्तावेजों का प्रकाशनः
राजस्थान में खनन, खान मजदूरों के हालात, खनन के पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकी प्रभाव, बाल श्रम, गरीबों के लिए सरकारी विकास योजनाएं, आदिवासियों के इतिहास
और उनके जीवन से जुडे कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों आदि पर अध्ययन और दस्तावेजों का
प्रकाशन।
12.
दिसम्बर, 2005 से मनोवैज्ञानिक परामर्श केन्द्र ‘Mental Health
Clinic’
का प्रारम्भ। इस क्लिनिक में मानसिक बीमारियों
से ग्रस्त व्यक्तियों एवं आत्महत्या पर उतारू लोगों का उपचार किया जा रहा है और
शतप्रतिशत सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। यहाँ उन्हीं लोगों का उपचार किया जाता है जो
शराब, मांस, तम्बाकू आदि अभक्ष्य पदार्थों का त्याग करते हैं. इस क्लिनिक में हमने ऐसे-ऐसे गम्भीर रोगियों को ठीक किया है, जो देश के बडे-बडे
अस्पतालों में लाखों रुपये उपचार में खर्च करने के बावजूद ठीक नहीं हुए, वे आज बिलकुल स्वस्थ
होकर अच्छा जीवन जी रहे हैं।
13.
2011 से हमने इसी
क्लिनिक में विज्ञान की कसौटी पर खरे घरेलू उपचारों पर अध्ययन, शोध, दस्तावेजीकरण
का कार्य शुरू किया और साथ ही विभिन्न बीमारियों के उपचार में इनके उपयोग व असर को
देखा. इसमें मिली सफलताओं ने हमारा उत्साह बढ़ाया तो लोगों में स्वास्थ्य के लिए
जागरूकता लाने के लिए, उन्हें एलोपैथी की लूट व उनके साइड इफेक्ट्स से बचाने के
लिए हमने जगह-जगह हेल्थकेयर सेमीनार करना शुरू किया. 2017 से
2020 तक चार वर्षों में ही हमने देश के 7 राज्यों
राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के बड़े
शहरों में सौ से ज्यादा सेमीनार कर लिए. इन सेमिनार्स से हजारों लोगों को
स्वास्थ्य-लाभ तो मिला ही, साथ ही उनकी नई समझ भी विकसित हुई और उनका प्राकृतिक
चीजों पर विश्वास बढ़ा है. इसका हमें सबसे बड़ा लाभ यह हुआ कि हमारे सामने अलग-अलग
तरह की बीमारियों के मामले आए, कई गंभीर बीमारियों से हमारा सामना हुआ, उनका
अध्ययन करने व उपचार करने से हमें अपने अनुभवों को बढाने में बहुत मदद मिली. अभी
यह सिलसिला जारी है.
Madan Modi Birth day
Time of birth around 9.30 AM
Place- Kanore, Dist. Udaipur
English Date |
अप्रैल
28,
1953 |
Hindu Calendar |
बैशाख
15,
2010 |
राहू / कुलिक / यमगण्ड काल
राहू |
03:13 PM – 04:46 PM |
कुलिक |
12:06 PM – 01:39 PM |
यम गण्ड |
08:59 AM – 10:33 AM |
पंचांग
वार |
मंगळवार |
नक्षत्र |
चित्रा (up to 5:06 pm) स्वाति |
तिथि |
चतुर्दशी (up to 8:41 am) पूर्णिमा |
करण |
वणिज (up to 8:41 am) विष्टि (up to 9:19 pm) बव |
योग |
वज्र (up to 2:42 pm) सिद्धि |
सूर्योदय / सूर्यास्त
सूर्योदय |
05:53 AM |
सूर्यास्त |
06:19 PM |
This day’s
festivals, Events, Observances
Sri
Buddh Purnima, Sri Satyanarayan Puja
Purnima
Vrat