सोमवार, 13 जून 2016

नशे का कारोबार



कहावत है कि किसी जाति, समाज या देश को नष्ट करना हो तो उसकी युवा पीढ़ी को नशे में डुबो दो. पंजाब में नशे के कारोबार पर इन दिनों बडी हायतौबा मची हुई है, इस पर फिल्म भी बन गई है और नशे के इस कारोबार में राजनेता, पुलिस, बीएसएफ, ड्रग माफिया और विदेशी एजंसियां भी शामिल है। इससे पंजाब की युवा-शक्ति बर्बाद हो रही है, कई जिंदगियां समाप्त हो गई है।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह रैकेट राजस्थान व गुजरात में भी सक्रिय है, किन्तु राजस्थान व गुजरात खामोश है। राजस्थान व मध्य प्रदेश में तो नशे के इस कारोबार में काम आने वाली अफीम की खेती होती है, इसे यहां काला सोना बोला जाता है और इससे हेरोइन आदि बनाने के कई गैर कानूनी कारखाने चल रहे हैं, यहां भी इस कारोबार में राजनेता, पुलिस, और ड्रग माफिया का बड़ा मजबूत नेक्सस बना हुआ है.

आपको यह भी जानकर आश्चर्य होगा कि इस रैकेट में कई डॉक्टर भी शामिल हैं।

आपको यह भी जानकर घोर आश्चर्य होगा कि नशे के इस कारोबार में अवसाद निरोधक दवाओं का भी बडे पैमाने पर उपयोग हो रहा है।

दुःख की बात तो यह है कि कई मनोचिकित्सक अनावश्यक रूप से बिना इसके साइड इफेक्ट बताए तनाव व अवसादग्रस्त लोगों को ये दवाएं और इनके भी हाईडोज देकर कई जिंदगियों को अपने स्वार्थ के लिए पंगु बना रहे हैं, ताकि वे इनके परमानेंट मरीज बनकर इनको फीस चुकाते रहें। धिक्कार है!

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