शनिवार, 10 नवंबर 2012

तमसो मा ज्योतिर्गमयः


तमसो मा ज्योतिर्गमयः

सुख, समृद्धि और आनन्दमय जीवन की हार्दिक शुभकामनाएं! मानव स्वभावतः अंधकार से प्रकाश की ओर बढता है। मानव की इसी प्रवृत्ति ने तमसो मा ज्योतिर्गमय का गम्भीर घोष किया। दीपावली को आधुनिक और स्वस्थ संदर्भ में मानव के इसी स्वभाव का प्रतीक कहा जा सकता है। दीपावली भारत का सबसे उल्लासमय त्यौहार है। यह त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, इसलिए इस दिन सभी वर्ष भर के लिए सुखी, समृद्ध और आनन्दमय जीवन की कामना करते हैं।

इस दिन घर-बाहर सब ओर उजाला करते हैं, ताकि अभावों का अंधेरा मिट जाए और किरणों के प्रकाश में माता लक्ष्मी हमारे घर चली आए; अन्तर इतना ही है कि कोई हजारों बिजली के लट्टुओं और रंग-बिरंगी बत्तियों के जगमगाते आलोक से धन और ऐश्वर्य की देवी की राह को आलोकित करता है और कोई मिट्टी के टिमटिमाते दीयों से। पर इस त्यौहार के आनंद और उल्लास के भण्डार से अपना-अपना हिस्सा लगभग सभी वसूल करते हैं, क्योंकि खुशियां जिस उजाले की मोहताज है, वह बिजली के लट्टुओं या दीयों में से नहीं मन के भीतर से फूटता है।

दीयों का यह प्रकाश-पुंज हमारे सभी पाठकों, शुभ चिन्तकों, सहयोगियों एवं आलोचकों के मन को आलोकित करे। वे अंधकार के साथ मजबूती से लोहा ले सकें व प्रकाश की ओर बढ सकें, इसी शुभ कामना के साथ- मदन मोदी

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