रविवार, 3 मई 2015

संकल्प करें


उम्मीद है आपने मेरे अनुरोध को स्वीकार कर नेपाल में आए जलजले, भूकम्प और अब वहां बढते महामारी के खतरे के मद्देनजर अपने जीवन की क्षणभंगुरता पर भी अवश्य विचार किया होगा। यों तो जीवन में कई ऐसी घटनाएं घटित होती हैं, जिनसे तात्कालिक रूप से "मसानिया वैराग्य" आता है, लेकिन बडी घटनाओं या बडे हादसों से उत्पन्न मसानिया वैराग्य कुछ अधिक समय टिकता है और जीवन में कुछ सोचने को विवश कर सकता है, कुछ सकारात्मक बदलाव ला सकता है, इसी दृष्टि से मेरा यह निवेदन था। इस बात को आगे बढाते हुए क्या आप से मैं कुछ संकल्पों की बात कर सकता हूं? यहाँ मैं परमतारक गुरुदेव का एक संदेश कोट करना चाहता हूं-

"छोटे-छोटे व्रत-नियमों, संकल्पों को अपनाने से आत्मा में संतोषवृत्ति आएगी एवं पापास्रव कम होगा, जिससे आत्मा के कर्म बंधन के अनेक द्वार बन्द हो जाएंगे। प्रतिदिन व्रत नियम की स्मृति होते रहने से एवं आत्मा में त्याग के प्रति रुचि बढते रहने से अशुभ कर्मों की अत्यंत निर्जरा होती है। अतः उपयोगपूर्वक एवं रुचि और शुद्ध समझ पूर्वक व्रत-नियमों को धारण करना चाहिए। इस प्रकार त्याग के लक्ष्य में वृद्धि करते रहने से व्रतों की आराधना एवं अंतिम समय में पंडित मरण प्राप्त होना सरल हो जाता है और वह आराधक सद्गति प्राप्त करता है।-सूरिरामचन्द्र"

OK, Letus start.

आज हम इतना सा संकल्प कर लें कि अगले 48 घंटों में चाहे कैसी भी परिस्थिति आए झूठ नहीं बोलेंगे। मैं तो इस बात की प्रतिज्ञा करता हूं और प्राणपण से निभाऊंगा। क्या आप भी करेंगे? ध्यान रहे for 48 hours.

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