शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

मौत निश्चित है


जिनका जन्म हुआ, उनका मरना निश्चित है। मरण के बाद जन्म नियम से होता ही हो, ऐसा नहीं है। जो-जो मरते हैं, वे-वे जन्म लेते हैं, ऐसा एकान्त नियम नहीं है। किन्तु जो-जो जन्मते हैं, वे मरण प्राप्त किए बिना नहीं ही रहते, यह तो निश्चित ही है। अनंतकाल में अनंत आत्माओं ने मरण के बाद वापस जन्म नहीं लिया, ऐसा हुआ है। किन्तु अनंतकाल में एक भी आत्मा ऐसा नहीं जन्मा कि जो वापस मरा नहीं हो। मृत्यु के साथ जन्म यह एकान्त नियम नहीं है, किन्तु जन्म के साथ मुत्यु यह एकान्त सत्य है। यहां से मरकर श्री सिद्धगति को प्राप्त आत्माएं यानी मोक्ष में जाने वाली आत्माएं पुनः जन्म नहीं लेतीं। जो जन्म लेगा, उसकी मृत्यु निश्चित है।

आप मरोगे या नहीं? आज जिस शरीर का आप संस्कार करते हैं, बारम्बार साफ किया करते हैं, जिसके ऊपर अत्यंत मोह रखते हैं, वह एक दिन अग्नि में भस्मीभूत हो जाएगा, ऐसा आपको लगता है? शरीर यहां रहेगा और आपको अपने कर्मों के साथ किसी अन्यत्र स्थान पर जाना पडेगा, ऐसा लगता है? आपका सर्वाधिक प्रिय स्नेही आपके शरीर को मोटी-मोटी लकड़ियों पर सज्जित करेगा, आपके शरीर पर बडे-बडे लकडे रखेगा और उसके बाद उसमें आग लगा देगा, इतना ही नहीं आपका शरीर जल्दी से जल्दी भस्मीभूत हो इसके लिए वह आग में घी और डालेगा, राल फेंकेगा ताकि जल्दी से जल्दी आग पकडे और दाह-संस्कार फटाफट हो, ऐसा आपको लगता है? -आचार्य श्री विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा

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